नई दिल्ली।
देश में सबसे पुराना दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) उपलब्ध बेड्स की संख्या के मुकाबले अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों की अधिक संख्या होने के चलते मांग और आपूर्ति में असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है।
लोकसभा में दिलेश्वर कामत और युगल किशोर शर्मा के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी।
मंडाविया ने कहा कि विभिन्न गंभीर रोगों के इलाज के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के उद्देश्य से मातृ एवं शिशु ब्लॉक, वृद्धावस्था हेतु राष्ट्रीय केंद्र, सर्जिकल ब्लॉक तथा भुगतान वाले निजी ब्लॉक आदि स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्लीनिकल विभागों द्वारा अस्पताल में जरूरतमंद रोगियों से संबंधित प्रतीक्षा सूची को उनकी रोग की दशा, अपेक्षित इलाज की तात्कालिकता और बेड्स की उपलब्धता के अनुसार तैयार किया जाता है।
मंत्री ने कहा कि जहां तक ओपीडी का संबंध है, यह संबंधित विभाग की अधिकतम कार्य क्षमता के अनुसार तैयार किया जाता है।