मेरठ, ग्रीन इंडिया।
शिवांगी संगीत महाविद्यालय में आयोजित शास्त्रीय संगीत के फाल्गुन मास के कार्यक्रम में संस्थान के उदीयमान कलाकारों ने शास्त्रीय गायन एवं कत्थक की प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने राग भैरव एवं राग कामेद की स्वरबद्ध एवं लयबद्ध प्रस्तुतियां दीं।
कलाकारों ने तीन ताल, धमार ताल, चार ताल एवं पंचमसवारी आदि तालों के अंर्तगत थाट उठान, आमद, परनामद, सलामी, चक्करदार, गत, टुकड़े, कवित्त, तिहाई, ततकार, लडी, चाला तथा भाव के अंर्तगत गणेश भजन, कष्ण भजन, शिव स्तुति पंचाक्षर, ठुमरी, ख्याल आदि की उत्कृष्ट लयबद्ध, तालबद्ध, भावपूर्ण प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्थान की निदेशिका ऋचा शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
चार ताल में निषिद्ध शिव स्तुति, पंचाक्षर ऊँ नम: शिवाय की प्रस्तुति वंशिका, आयुशी एवं तान्या ने दी। शास्त्रीय गायन में अर्जुन सेजवाल द्वारा प्रस्तुत राग भैरव तीन ताल में निबद्ध द्रुत ख्याल शुद्ध भाव धर प्रभु को सुमिरन की स्वरबद्ध, लयबद्ध प्रस्तुति अत्यंत मनमोहक रही। बसंत ऋतु के आगमन पर खुशी से मन मस्त मयूर होकर आनंद और उल्लासपूर्वक झूमने लगता है और फाल्गुनी रंग में स्वाभाविक रूप से मन मस्ती और आनंद में नाचने लगता है। इन्हीं भावों से युक्त होरी गीत की प्रस्तुति अंकित, पुष्कर एवं अमन ने दी। निदेशिका ऋचा शर्मा, प्रधानाचार्य राजा बलूनी, नृत्य निर्देशक रूचि बलूनी, मौ. फारूख, उत्तम गोस्वामी, मौ. फराज, मंजू शर्मा, श्रीमती इन्दू, रंजीता, प्रीति, दीपा, चारू, अंकित एवं पुष्कर आदि का विशेष सहयोग रहा। मंच संचालन आयुशी गुप्ता ने किया।