नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि किसी भी मानव रहित एयरक्रॉफ्ट सिस्टम (UAS) को इंटरनेशनल बॉर्डर से 25 किलोमीटर के भीतर उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसमें लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC), लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और एक्चुअल ग्राउंड पोजिशन लाइन (AGPL) शामिल है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में बताया कि UAS नियमों को 12 मार्च, 2021 को नोटिफाइड किया गया। मंत्रालय ने बताया कि इन नियमों में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर कई पहलुओं को कवर किया गया है। इसमें ड्रोन का रजिस्ट्रेशन, ओनरशिप, ट्रांसपोर्ट, इम्पोर्ट, ट्रैफिक मैनेजमेंट, फीस पेमेंट और पेनाल्टी शामिल है। सभी सिविलियन ड्रोन एक्टिविटीज को इन नियमों से रेग्युलेट किया जाता है।
प्रतिबंधित इलाकों में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी जरूरी
सरकार से पूछा गया कि क्या वो जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन के इस्तेमाल पर अधिक सख्ती रखती है। इस पर मंत्रालय ने कहा कि UAS नियम के 37 (3) के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग की इजाजत केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही असाधारण परिस्थितियों में है।
मंत्रालय ने कहा कि ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए होम मिनिस्ट्री ने 10 मई, 2019 को आवश्यक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की थी। राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों से सलाह लेकर केंद्र ने इसे तैयार किया है। UAS नियम 2021 के मुताबिक, 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस और ट्रेनिंग जरूरी है। बिना इसके ड्रोन उड़ाने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।