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विवि में फीस वृद्धि करने पर छात्रों में रोष

  • 14-May-2020

झांसी, लोकसत्य देश और दुनिया में फैली कोराेना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विवि (बुंविवि) प्रशासन का नये सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस बढ़ाने का फैसला छात्रों में रोष के पैदा कर रहा है इस बीच कुलसचिव ने मामले पर कुलपति से बात करने का भी आश्वासन दिया है। विवि में फीस वृद्धि को लेकर दुनिया में छात्रों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आंदोलन की चेतावनी दी है। एबीवीपी के प्रदेश के सोशल मीडिया प्रभारी अजय कुमार तिवारी ने गुरूवार को बताया कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने शुरू होने जा रहे नये सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों में बढोतरी की है और यह वृद्धि 50 प्रतिशत से लेकर कुछ पाठ्यक्रमाें में तो 90 प्रतिशत तक है। इस दैवीय आपदा के समय जब सरकार लोगों की मदद के लिए इतने काम कर रही है ऐसे मे बुंदेलखंड जैसे प्रदेश के अति पिछड़े इलाके मे छात्रों की शिक्षा के मुख्य आधार इस विश्वविद्यालय के प्रशासन ने विभिन्न पाठ्यक्रमाें मे इतनी अधिक फीस बढ़ाने का फैसला किया है। ऐसा करके विश्वविद्यालय ने छात्रों के सामने पढाई जारी रखने की एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले विभिन्न जिलों जैसे इसमें महोबा, बांदा, हमीरपुर, उरई, ललितपुर, जालौन आदि निकटवर्ती स्थानों के छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध प्रकट किया है। अखिल विद्यार्थी परिषद के सैकड़ों छात्रों ने इस संबंध में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री के साथ ही केंद्र के कई मंत्रियों को ट्वीट कर अपना विरोध दर्शाया है। इसके साथ ही संगठन के अनेक छात्रों द्वारा जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से भी विश्वविद्यालय द्वारा की गई शुल्क वृद्धि का विरोध किया गया है।एबीवीपी प्रशासन से मांग करता है कि शीघ्र्रातिशीघ्र इस असंवेदनशील एवं अव्यवहारिक निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए अन्यथा की स्थिति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लाॅकडाउन खुलने के उपरांत वृहद आंदोलन कर छात्रों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगा। दूसरी ओर इस सबंध में जब कुलसचिव नारायण प्रसाद से बात की गयी ताे पहले तो उन्होंने फीस वृद्धि को ही लेकर अपनी अनभिज्ञता जतायी और मामले को टालने का प्रयास किया लेकिन बार बार पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला तो कुलपति ही ले सकते हैं।