मेरठ, ग्रीन इंडिया
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक मातृ-मृत्युदर शून्य करने का खाका खींचा है। ऐसे में सरकार द्वारा अब अस्पताल के बाहर हुई गर्भवती की मौत का ब्योरा जुटाया जाएगा। उसके कारण तलाश कर बचाव के उपाय पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए गांव-घर में गर्भवती की मृत्यु की जानकारी देने वाले को 1 हजार का इनाम भी दिया जाएगा।
केंद्रीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के सभी सीएमओ को इसके लिए पत्र भेजा है। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम की मॉनीटरिंग कर रहे डॉ. दिनेश बंसवाल के मुताबिक अभी अस्पताल में गर्भवती व प्रसूता की मौत का ब्योरा दर्ज हो रहा है।
बता दें कि देश भर में एक वर्ष में करीब 32 हजार गर्भवती दम तोड़ रही हैं। वहीं तमाम गर्भवती घर, गांव व रास्ते में दम तोड़ रही हैं। इनकी मृत्यु का कारण भी दफन हो रहा है। ऐसे में बचाव पर ठोस प्लानिंग नहीं बन पा रही है। लिहाजा, जल्द ही केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार मिलकर एक सेंट्रलाइज कॉल सेंटर बनाने जा रही हैं।
शिकायत पोर्टल भी बनेगा : डॉ. दिनेश के मुताबिक सुमन योजना के तहत सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत जल्द ही एक पोर्टल हर राज्य में बनेगा। इसमें गर्भवती, प्रसूता सरकारी अस्पताल में इलाज न मिलने, भर्ती न करने, केयर में लापरवाही करने की शिकायत दर्ज करा सकेंगी। साथ ही महिला अस्पतालों में वालंटियर तैनात किए जाएंगे। यह गर्भवती की भर्ती व इलाज में मदद करेंगे।
इसके साथ ही अस्पताल में गुणवत्तापरक इलाज पर फोकस किया जा रहा है। अभी तीन सौ अस्पतालों को नेशनल व एक हजार को स्टेट क्वॉलिटी सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस बारे में सीएमओ मेरठ डा0 राजकुमार ने बताया कि मेरठ जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर शून्य है। यह सरकार की अच्छी पहल है। केंद्र और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से पत्र आया है। जिसमें ऐसी ठोस प्लानिंग की जा रही है कि मातृ और शिशु की ठीक-ठीक जानकारी समय से प्राप्त हो सके।