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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का इस्तीफा

  • 03-Jul-2021

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले दिन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। पिछले तीन दिनों से दिल्ली में रुके तीरथ सिंह रावत को दोपहर के समय जेपी नड्डा ने उनके विधानसभा उप चुनाव में आ रही संवैधानिक अड़चन की जानकारी देते हुए साफ कर दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। इसके बाद तीरथ उन्हें अपने इस्तीफे की पेशकश का पत्र सौंपकर देहरादून लौट आए। शुक्रवार को देर रात मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत राजभवन पहुंचे और अपना इस्‍तीफा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंपा दिया। नया नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक शनिवार को अपराह्न तीन बजे देहरादून में बुलाई गई है। बैठक में नए नेता का चयन विधायकों में से ही किया जाएगा। उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों में जिताऊ चेहरे की तलाश कर रही भाजपा ने चार महीने के भीतर फिर से नेतृत्व बदलने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पहले ही इस्तीफा देने को कहा गया था। हालांकि बुधवार रात को ही तीरथ सिंह को इसके संकेत दे दिए गए थे। कारण भले ही कोई भी हो, भाजपा को विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत चेहरा चाहिए। माना जा रहा है कि भाजपा वरिष्ठ सतपाल महाराज पर दांव खेल सकती है। सूत्रों के अनुसार कल िवधायक दल की बैठक बुलाई गई है िजसमें नए नेता का चुनाव िकया जाएगा। देहरादून पहुंचकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में अपने शासनकाल की उपलब्धियाँ गिनाईं और चले गए। उन्होंने इस्तीफे पर चुप्पी साध ली। बीते दस मार्च को तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने चुनाव की रणनीति पर अमल शुरू किया ही था कि वह बयानों से विवादों में आ गए। पश्चिम बंगाल के चुनाव नतीजों के बाद भाजपा ने सभी सरकारों के कामकाज का आकलन किया तो उत्तराखंड उसमें भी पीछे रहा। उपचुनाव एक वजह रही है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व यह पहले ही तय कर चुका था कि चुनावों में तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री होने के बाद भी सीएम का चेहरा नहीं होंगे। बाद में यह बात भी सामने आई कि तीरथ सिंह रावत के रहते और दिक्कतें बढ़ सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि नेतृत्व ही बदला जाए और किसी प्रभावी व तेजतर्रार विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाए। सूत्रों के अनुसार भाजपा में भावी नेतृत्व के लिए जो नाम उभरे हैं उनमें सतपाल महाराज व धन सिंह रावत के नामों की चर्चा है।