मेरठ, ग्रीन इंडिया
बसंत के आगमन के साथ ही नई चेतना और जोश का संचार हो उठा। गुरुवार को बसंत पंचमी की सुबह रोजमर्रा से अलग थी, जिसमें ऊर्जा और सकारात्मकता समाई हुई थी। आसमान में उड़ती रंग-बिरंगी पतंगें, छतों पर तेज आवाज में बजता डीजे और पतंग काटने के साथ ही ‘आईबो-वो काटा की गूंज लोगों का ध्यान खींच रही थी।
तेज हवा में सरसराती पतंगें आसमान में पंछियों की मानिंद कलरव कर अठखेलियां कर रही थीं। बसंत यूं ही ऋतुओं का राजा नहीं माना जाता। बसंत में जहां पेड़-पौधों की पुरानी पत्तियां झड़कर नई पत्तियां आती हैं तो वहीं सृष्टि में सकारात्मक परिवर्तन का संदेश देती है। गुरूवार को भगवान भास्कर की रश्मियां जैसे-जैसे धरा का आलिंगन करने लगीं वैसे ही आलस्य दूर होता गया। चहुंओर नई ऊर्जा के संचार के साथ बसंतोत्सव शुरू हुआ।
बसंतोत्सव के चलते मस्ती की खुमारी दूनी हो गई। शहर ही नहीं देहात में भी लोगों ने खूब पतंगबाजी की। शास्त्रीनगर, जागृति विहार, प्रह्लादनगर, भूमिया पुल, ब्रह्मपुरी, हरिनगर, जगन्नाथपुरी, देवलोक, कंकरखेड़ा, गोविंदपुरी, शाक्यपुरी, पल्लवपुरम, श्रद्धापुरी, राम नगर, आर्य नगर, शिवलोक पुरी, सुभाष पुरी, जवाहरपुरी, नंदपुरी, बादाम मंडी, मेहंदी मोहल्ला, लालकुर्ती, रजबन, सदर, गंगानगर समेत शहरभर में आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से नहा उठा। बच्चे और युवा ही नहीं उम्रदराज लोग भी बचपन की यादों में गोते लगाते दिखे। डीजे और पुराने गानों की धुनों पर महिलाओं ने भी जमकर मस्ती की। सड़क, पार्क और छतों पर एक बार जो पतंग की डोर थामी तो दिन के साथ ही जोश भी बढ़ता चला गया। हर क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थिति का अहसास करा रही आधी आबादी भी पतंगबाजी में हाथ आजमाने उतरीं। शास्त्रीनगर, सदर, जागृति विहार, लालकुर्ती, रजबन समेत शहर के अधिकांश इलाकों में युवतियों ने जमकर पतंगबाजी की। छतों पर पीले कपड़ों में सजी युवतियों ने खूब पतंग उड़ाई और पेंच लड़ाते हुए पतंगें भी काटीं। वहीं महिलाओं ने पुराने गीतों पर डांस किया। दूसरी तरफ शहर के तमाम धार्मिक स्थलों में भी बसंत पंचमी को लेकर जहां धार्मिक आयोजन हुए, वहीं अनेकों जगह प्रसाद आदि भी वितरित किए गए।
गांधारी सरोवर के प्रांगण में पतंग उत्सव
परीक्षितगढ़ में अखिल विद्या समिति के तत्वावधान में चल रहे परीक्षितगढ़ महोत्सव मे गांधारी सरोवर के प्रांगण मे पंतग उत्सव का आयोजन किया गया। पंतग उत्सव में चेयरमेन अमित मोहन टीपू ने पंतग उड़ाकर युवाओं का उत्साह बढ़ाया व विजयी पंतग बाजों को मेडल देकर सम्मानित किया। अमित मोहन टीपू ने कहा कि अखिल विद्या समिति ने पहली बार पंतग उत्सव का आयोजन कर युवाओ को जोडने की पहल की। समिति के अध्यक्ष विष्णुअवतार रूहेला ने बताया कि 31 जनवरी को परीक्षितगढ महोत्सव का समापन किया जायेगा। नंदकिशोर पप्पू, संतराम सैनी, रामपाल सिंह, स्वाति चैधरी, संगीता प्रजापति, निर्मला सहित दर्जनो लोग मौजूद थे। वही नगर की त्यागी धर्मशाला परिसर मे पं. फकीर चंद शर्मा द्वारा बसंत रखकर पूजा अर्चना की गई जिसमे नगर व देश मे खुशहाली व शांति बनाये रखने की अपील भी की।
पूजा अर्चना के बाद प्रतिमा का अनावरण
परीक्षितगढ़-मेरठ मार्ग पर स्थित गोरी इंटर नेशलन स्कूल में बंसत पंचमी के अवसर पर पूजा-अर्चना कर मां सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर गोरी एजुकेशननल ग्रुप की चेयरपर्सन पल्लवी भारद्वाज ने कहा कि गोरी इंटर नेशलन स्कूल की नींव शिक्षा के क्षेत्र में नए आयम स्थापित करने के लिए की गई है। पंडित अनिल नौटियाल व पंड़ित रौशन नौटियाल ने मां सरस्वती की मुर्ति का अनावरण विधि विधान से संपन्न कराया। इस मौके पर गौरी गु्रप के संस्थापक श्याम सुंदर शर्मा निर्देशक मुकेश शर्मा, गोमती देवी, रेखा कौशिक, मुकेश शर्मा, कपिल भारद्वाज, गोरी, शोर्य वर्धन, अधिराज, देवेंद्र, करूनेश, वीना अरोड़ा, आसिफ अली, अनुराधा बरार सहित स्कूल का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
शिक्षा जगत से जुडे लोगों के लिए सरस्वती पूजन का विशेष महत्व: डा.सुधीर गिरि
राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित श्री वैंक्टेश्वरा विवि में विद्या, ज्ञान एवं संगीत की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्वस, बसंत पंचमी के पर्व को देवी माॅ की विधिवत पूजा अर्चना के साथ-साथ छात्र-छात्राओं एवं स्टाफॅ मैम्बरस ने ”वैंक्टेश्वरा बसन्तोत्सव एवं सांस्कृतिक संध्या” में विभिन्न साॅस्कृतिक प्रस्तुतिया देकर समा बाधं दिया। शुभारंभ विवि के कुलाधिपति डा.सुधीर गिरि, पृतिकुलाधिपति डा.राजीव त्यागी, परिसर निदेशक डा.राजेश पाठक, डा.एसपी पाण्ये, डा.आषीश बालियान ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्जवलित करके किया। इसके बाद पांव विद्वान पण्डितों ने विधिवत मां सरस्वती की वन्दना एवं पूजा अर्चना की। सरस्वती वन्दन के पश्चात आयोजित सास्कृतिक संध्या में संस्थान के फैकल्टी मैम्बर एवं छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुतियां देकर उपस्थित जन समूह को तालिया बजाने के लिए मजबूर कर दिया। कुलाधिपति डा.सुधीर गिरि ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए ज्ञान, विद्या एवं संगीत की देवी माॅ सरस्वती के जन्मोत्सव बसंत पंचमी से बडा कोई पर्व नही है क्योकि शास्त्रों में माॅ सरस्वती को धन की देवी माॅ लक्ष्मी जी के भी ऊपर सर्वोच्च स्थान किया गया है। प्रतिकुलाधिपति डा.राजीव त्यागी, डा.आरडी द्विवेदी, विनय यादव, अन्जनय सिंह, अलका सिंह, डा.गरिमा, सलोनी देशववाल, सुगंधा सिन्हा, उर्वशी सोम, मोनिया राणा, जिवेन्द्रवीर त्यागी, मोना, रितु, आभा, गरिमा, शिवानी राणा, अमरीश बेनिवाल एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा उपस्थित रहे।