गांधीनगर। गुजरात में शनिवार को एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अचानक नाटकीय अंदाज़ में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया, जिसके बाद से उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है। यहां राजभवन में तीन केंद्रीय मंत्रियों सर्वश्री मनसुख मांडविया, परशोत्तम रूपाला तथा भूपेन्द्र यादव (गुजरात भाजपा प्रभारी) उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य के वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा, गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा और भाजपा के संगठन महामंत्री बी संतोष की मौजूदगी में अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को सौपने के बाद श्री रूपाणी ने पत्रकारों कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया है।
अब वह पार्टी में जो भी ज़िम्मेदारी मिलेगी उसे निभायेंगे। दो बार मुख्यमंत्री रहे श्री रूपाणी ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार भी प्रकट किया। ज्ञातव्य है कि अगले साल ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। श्री रूपाणी के इस्तीफ़े को सत्तारूढ़ भाजपा की चुनावी रणनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है।
श्री रूपाणी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बेहद क़रीबी माना जाता है। श्री शाह ने दो दिन पूर्व अचानक राज्य का दौरा किया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार वह नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए आयोजित पार्टी के विधायक दल की बैठक के दौरान भी मौजूद रहेंगे। रोचक तथ्य यह है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन -दीव के प्रशासक तथा गुजरात के पूर्व मंत्री प्रफुल खोडा पटेल (64) को भी कथित तौर पर आमंत्रित किया गया है। श्री पटेल उस समय गुजरात के गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में वर्ष 2010 में श्री अमित शाह के सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में गिरफ़्तार किया गया था। श्री रूपाणी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफ़े के बाद यह पद पहली बार सम्भाला था।