योगी ने की कोरोना नियंत्रण के कार्यों की समीक्षा
मेरठ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त सभागार में कोरोना महामारी नियंत्रण के कार्यों की मण्डलीय समीक्षा करते हुए कहा कि टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट को ध्यान में रखकर कार्य करें। टीम-9 की तर्ज पर हर जिले में टीमें गठित हों।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह प्रदेश के कई जनपदों में जाकर कोरोना नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा स्वयं कर रहे हैं। यह उनकी नौवीं कमिश्नरी में बैठक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। वर्तमान स्थिति में दोहरी चुनौतियां है लेकिन अधिकारियों को जागरूक रहकर कार्य करना होगा। आरटीपीसीआर एवं एंटीजन को दोगुना करना होगा। गत एक सप्ताह में 20 हजार से ज्यादा एक्टिव केस कम हुये है तथा बेडो की संख्या में बढोत्तरी हुयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आॅक्सीजन प्लांट बढाये जाने पर भी कार्य किया जा रहा है। कोरोना की पहली लहर में अक्टूबर-नवंबर में 01 लाख कोरोना मरीजो के होने की आशंका व्यक्त की गयी थी लेकिन परस्पर टीमवर्क के साथ कार्य करते हुये इसको अपेक्षाकृत काफी कम ही रोकने में उत्तर प्रदेश सफल रहा है। हर जिले में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग टीमे गठित हो तथा टीम-9 की तर्ज पर हर जिले में टीमें गठित हो।
उन्होने कहा कि प्रत्येक कोविड अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगे हो तथा प्रत्येक अस्पताल की माॅनिटरिंेग उन सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से की जाये तथा प्रत्येक अस्पताल में यह देखा जाये कि वहां समय पर भोजन व दवा मरीजो को उपलब्ध है अथवा नहीं, साफ सफाई की व्यवस्था, टीकाकरण व अन्य सुविधाओं की व्यवस्थाओं को भी जांचा जाये। उन्होने कहा कि बेड की संख्या बढानी पडेगी। कोविड अस्पताल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के 25% मानदेय बढाने के निर्देश दिये गये है। आरआरटी की संख्या दुगुना व तिगुना की जाये। अंतिम संस्कार के लिए पैसे की किल्लत नहीं होनी चाहिए, प्रशासन को पैसे की किल्लत होने पर या अन्य कारणो से मरीज का अंतिम संस्कार न होने के कारण बिना देरी किये कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार उसकी परंपरा व आस्था के अनुरूप कराया जाये। उन्होने कहा कि जो निजी अस्पताल ओवरचार्ज करते हैं तो उनको चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। जनप्रतिनिधियो के साथ बेहतर संवाद रखे तथा सप्ताह में एक बार उनके साथ जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी वर्चुअल संवाद जरूर करें। रिकवरी रेट बढेगा और पाजिटीव रेट कम होगा। मेडिकल में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा को दुगुना करने के निर्देश दिये गये है।