नई दिल्ली।
सड़क और पुल के निर्माण में खराब गुणवत्ता के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अब इस दिशा में कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। कोई सड़क यदि बनते ही टूट गई तो वहां के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क और पुल के निर्माण में गुणवत्ता का पालन नहीं किए जाने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों और इंजीनियरों को जवाबदेह बनाया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल में जारी अपने सर्कुलर में कहा है कि मंत्रालय, एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल के क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों और इंजीनियरों पर हल्का या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
निरीक्षण में अनदेखी के तीन मामले सामने आने या ढांचे के निर्माण के दौरान विफलता को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सर्कुलर में कहा गया है कि अनुबंध जरूरतों के उल्लंघन को रोकने के लिए मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी ने निर्णय लिया है कि प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी साइट पर परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कार्य की अनुमोदित निर्माण पद्धति का पालन किया जा रहा है। वर्तमान में अधिकारी किसी भी विफलता के लिए केवल ठेकेदारों, स्वतंत्र इंजीनियरों और काम की निगरानी करने वाले सलाहकारों को दंडित कर रहे हैं।