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कुछ ही मिनटों में हो जाएगी सभी कोच की सफाई

  • 18-Aug-2021

नई दिल्ली। ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब कोच गंदे नजर नहीं आएंगे। महज कुछ ही मिनटों में ट्रेन के सभी कोच की सफाई हो जाएगी। रेलवे ने ट्रेनों की सफाई के लिए भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट लगाया है। ये वाशिंग प्लांट कई मायने में अनोखा और खास है। भारतीय रेल द्वारा मध्यप्रदेश में पहला ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट हबीबगंज (भोपाल) में शुरू किया गया है। आधुनिक उपकरणों से लैस इस वाशिंग प्लांट में मात्र 10 मिनट में 90 फीसदी कम पानी उपयोग कर कोचों की उच्च गुणवत्ता से सफाई हो रही है जिससे जल संरक्षण में भी मदद मिल रही है। मध्यप्रदेश का हबीबगंज स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधा वाले स्टेशनों में तब्दील हो गया है। इस स्टेशन से गुजरने व चलने वालीं ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे में अधिक ट्रेनों की धुलाई व सफाई का दबाव रहेगा, जिसकी तैयारी की जा रही है। रेलवे का प्लांट 24 कोच वाली ट्रेन के बाहरी हिस्से को महज आठ मिनट में धोकर साफ कर सकता है। ट्रेन के एक कोच को धोने के लिए 1500 लीटर पानी की जरूरत होती है लेकिन ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट से केवल 300 लीटर पानी में पूरी कोच धुल सकेगा। वहीं, इस 300 लीटर पानी में भी 80 फीसदी पानी रिसाइकल कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस प्लांट में केवल 20 प्रतिशत ही ताजा पानी लिया जाता है। यानी प्रति कोच धोने के लिए ताजा पानी केवल 60 लीटर ही लगता है। इसे 96 फीसदी पानी की बचत होगी यानी सालाना 1.28 करोड़ लीटर पानी की बचत हो सकगी। अभी ट्रेनों को साफ करने का काम सफाईकर्मी करते हैं। एक ट्रेन को चार सफाईकर्मी चार से पांच घंटे में धोते हैं। इसमें 15 हजार लीटर तक पानी लग जाता है। जब यही ट्रेन मशीन से धुलेगी तो तीन से पांच हजार लीटर पानी ही लगेगा। यानी 10 हजार लीटर पानी बचेगा। ट्रेनों के अंदर की धुलाई सफाईकर्मी ही करेंगे। गौरतलब है कि रेलवे इस तरह के वॉशिंग प्लांट देश के प्रमुख डिपो में तैयार करेगी। इससे रेलवे का काफी समय, मानवबल और सबसे अहम पानी की बचत हो सकेगी।