नई दिल्ली।
अफगानिस्तान में तेज होते तालिबानी हमले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार पूरी तरह सतर्क है और वहां की स्थिति पर लगातार निगरानी रख रही है।
कहा कि हम अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहे हैं और अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत समेत दुनिया के कई देश स्वतंत्र, संप्रभु, लोकतांत्रिक व स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहते हैं जो अपने पड़ोसियों के साथ शांति बनाए रखे। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में किसी भी पक्ष द्वारा इकतरफा ढंग से अपनी इच्छा को थोपने का प्रयास अलोकतांत्रिक होगा जिसकी न तो कोई वैधानिकता होगी और न हीं इससे देश में स्थिरता आएगी। भारत चीन सीमा विवाद पर बागची ने कहा कि हम आपके साथ कमांडर स्तर की वार्ता के अगले दौर के बारे में जानकारी साझा करेंगे जिसे विदेश मंत्री एस जयशंकर व चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने जल्द ही आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है।
भारत-यूके रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन का मूल्यांकन किया गया: बागची
इसके अलावा बागची ने कहा कि वर्चुअल भारत-ब्रिटेन शिखर सम्मेलन में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा के लिए विदेश सचिव ने 23-24 जुलाई को ब्रिटेन का दौरा किया। विदेश सचिव ने अपने समकक्षों के साथ विस्तृत बैठक की और थिंक टैंक और सांसदों सहित विभिन्न नेताओं से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत-यूके रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन का मूल्यांकन किया गया। इसके अलावा अफगानिस्तान संकट, प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी, वैश्विक नवाचार साझेदारी, जलवायु कार्रवाई, आर्थिक अपराधियों की वापसी, सुरक्षा संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय हित के मुद्दों पर चर्चा की गई। यूके द्वारा यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता के बारे में भी चर्चा की गई।
बागची ने पाकिस्तान पर बोला हमला
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए चुनाव पर बागची ने कहा कि भारत ने पाक अधिकारियों के सामने इसके लिए कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस तरह की कवायद न तो पाक द्वारा अवैध कब्जे को छिपा सकती है और न ही मानव अधिकारों के उल्लंघन, शोषण और कब्जे वाले क्षेत्रों में लोगों को स्वतंत्रता से वंचित कर सकती है।