नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डा. मोहनराव भागवत ने कहा, गुलामी की मानसिकता वाली बेड़ियों से घिरे समाज के साथ ही विश्व को भारत का परिचय भारत के ही नजरिये से कराने के लिए ‘बौद्धिक क्षत्रियों’ की जरूरत है। श्री भागवत यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में सभ्यता अध्ययन केंद्र की पुस्तक ‘ऐतिहासिक कालगणना-एक भारतीय विवेचन’ पुस्तक के विमोचन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। इस पुस्तक को रविशंकर ने लिखा है। उन्होंने कहा कि अब तक इस दिशा में जिसने भी दुस्साहस किया, उसे हाशिये पर डालने का कुत्सित प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि ये ‘बौद्धिक क्षत्रीय’ संघ या विचार परिवार से ही निकलें, वह कहीं के भी हो सकते हैं।