मेरठ, ग्रीन इंडिया।
पश्चिमी यूपी में मौसम का मिजाज लगातार बिगड़ रहा है। शुक्रवार को शुरू हुआ मौसम खराब होने का क्रम शनिवार को भी जारी रहा। दिनभर कभी काले बादल छाये तो कभी तेज धूप खिली। देहात क्षेत्र में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को काफी हानि पहुंचाई है। अनेक फसलें चौपट हो गई हैं।
शनिवार को दिन में तेज धूप खिली रही लेकिन शाम होते-होते आसमान पर काले बादल छा गए। दिन में ही अंधेरा हो गया। मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के विभिन्न जिलों में तेज बारिश के आसार बन गए। अनेक स्थानों पर तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। यही क्रम शनिवार को भी जारी रहा।
मौसम वैज्ञानिकों ने 11 मार्च से 14 मार्च तक तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि की आशंका जाहिर की थी। मेरठ देहात के फलावदा, दौराला, किठौर, माछरा, मुंडाली, अमरपुर, रछौती, हसनपुर कलां व भटीपुरा आदि गांवों में बारिश और ओलावृष्टि से सरसों, सब्जी, फूल, आम व लीची की फसल को भारी नुकसान होना बताया जा रहा है। हस्तिनापुर में भी ओले की चादर बिछी नजर आई। बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं, सरसों, आलू, मसूर, मटर की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस बार ओलावृष्टि से 30 से 40 फीसदी उत्पादन गिरने का अनुमान जताया जा रहा है।
आलू उत्पादक धर्मेश त्यागी, योगेश त्यागी, हरिश्चंद शर्मा आदि ने बताया कि फसल में पानी जाने से आलू खराब हो जाएगा। ओलावृष्टि से सरसों की फसल खराब हो गई है। गेहूं की फसल भी ढह गई है। किसानों ने प्रदेश सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के लगातार सक्रिय होने के कारण इस बार किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हवा दोपहर से शाम तक 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। देहात क्षेत्र में लगभग 8 मिमी बारिश दर्ज की गई। शनिवार को भी बारिश व ओलावृष्टि की सूचना है। 15 मार्च के बाद ही मौसम पूरी तरह साफ होगा। मौसम में परिवर्तन आने से ठंडी हवाओं के चलने से दोबारा ठंड का असर शुरू हुआ है।
शामली जिले में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को जबर्दस्त नुकसान हुआ है। तेज हवा के कारण गेहूं की अगेती फसल बर्बाद हो गई है। गन्ने की फसल भी गिर गई। गेहूं और सरसों की फसल में भी भारी नुकसान हुआ है। बारिश के कारण गन्ने की छिलाई नहीं हो सकी। ऊन चीनी मिल पर जाने वाले रास्ते पर भारी मात्रा में कीचड़ का जमा हो गया है। जिससे गन्ने से लदे वाहन शुगर मिल तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा मौसम की मार सब्जी उत्पादक किसानों पर भी पड़ी है। बारिश के कारण सब्जियों व अन्य फसलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बिजनौर में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से किसान चिंतित दिखाई दिए। वहीं, शामली के चौसाना में ओलों के साथ बारिश भी हुई। जिससे मौसम का मिजाज भी बदल गया। ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा फसलें प्रभावित हुई हैं। किसानों ने बताया कि अभी तक गेहूं की फसल लगातार हो रही बारिश के कारण तबाह हो गई। किसानों का डर है कि अनाज की रिकवरी भी इस साल अन्य वर्षों की अपेक्षा बहुत ही निकलेगी। जिससे किसानों को बहुत नुकसान हो सकता है।