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प्री मानसून की बारिश ने तोड़ा बीते तीन साल का रिकॉर्ड

  • 24-Jun-2020

लखनऊ, मानसून ने भले ही राजधानी में दस्तक ना दी हो, लेकिन प्री मानसून बारिश ने पूरे प्रदेश को भिगो दिया है। आलम यह है कि एक जून से अब तक प्रदेश में 82.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है जो बीते तीन सालों की अपेक्षा कहीं अधिक है। अब तक जहां सामान्य 72. 8 मिलीमीटर बारिश होना चाहिए थी 113.8 फीसद अधिक हो चुकी है। राजधानी लखनऊ समेत मध्य और पश्चिम यूपी के कई जिलों में तेज गरज-चमक के साथ भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के मुताबिक दोपहर तक बदायूं, संभल, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड़, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, हाथरस, रायबरेली, लखनऊ और बाराबंकी में बारिश के आसार हैं। बताते चलें कि बीते वर्ष 23 जून तक मात्र 20.2 मिली मीटर और वर्ष 2017-18 में मात्र 17.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी। ऐसे में अच्छे मानसून का मौसम विभाग का पूर्वानुमान सच होता दिखाई दे रहा है। कोरोना के चलते डगमगाई अर्थव्यवस्था के लिए भी यह अच्छे संकेत हैं। इसका जहां तापमान पर असर देखा जा रहा है। वहीं, किसानों के चेहरे भी खिले हुए हैं । यह बारिश खेतों पर सोना बनकर बरस रही है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि मानसून अगले 48 घंटे में लखनऊ सहित पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। उन्होंने कहा कि इस समय ओड़िशा में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश, झारखंड से होते हुए एक ट्रफ लाइन गुजर रही है जिसके चलते प्री मानसून बारिश प्रदेश में जारी है। खासतौर से खेती के लिहाज से यह बारिश बहुत ही अच्छी है। राजधानी में बारिश के चलते तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वायुमंडल में नमी 94 फीसद रिकॉर्ड की गई । मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल बारिश का यह सिलसिला जारी रहेगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि खेतों के लिए यह बारिश सोना साबित हो रही है। वजह यह है कि किसानों को धान की रोपाई के लिए सिंचाई करनी पड़ती थी, लेकिन रुक-रुक कर हो रही बारिश से खेतों में नमी बरकरार है। पर्याप्त नमी होने के कारण धान की रोपाई के लिए पानी नहीं लगाना पड़ रहा है। वहीं बिजली की भी बचत हो रही है। कहना गलत नहीं होगा कि कुदरत अन्नदाता पर मेहरबान है। उन्होंने कहा बारिश रुकने पर किसान उड़द, मूंग,अरहर की बोवाई करेंगे।