नई दिल्ली।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में स्थानीय भाषाओं और विशेष रूप से राजभाषा हिन्दी का विशेष योगदान रहा है तथा देश स्वतंत्रता सेनानियों के सपने पूरे करने की दिशा में बढ रहा है।
शाह ने मंगलवार को यहां संसदीय राजभाषा समिति की 36वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष भर्तृहरि महताब भी उपस्थित थे। श्री शाह ने इस मौके पर कहा , “मुझे मालूम नहीं है कि देश स्वतन्त्रता सेनानियों के स्वप्न पूरे कर पाया है या नहीं। शायद हमारी गति थोड़ी धीमी हो परंतु में इतना निश्चित कह सकता हूँ कि हमारा पथ सही व लक्ष्य की ओर है और हम लक्ष्य तक अवश्य पहुंचेंगे। आजादी की लड़ाई में हमारी स्थानीय भाषाओं और विशेषरूप से राजभाषा हिन्दी का सबसे बड़ा योगदान है। हमारे यहाँ लोकतंत्र के संस्कार नये नहीं हैं, दुनिया में सबसे पहला लोकतंत्र हमारे यहाँ ही था और इस संस्कार और संस्कृति को भाषा के बिना हम सँजो कर नहीं रख सकते। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान हमारे नेताओं ने भाषाओं को जो महत्व दिया और अँग्रेजी का यहाँ आधिपत्य न पड़ जा उसकी सजगता दिखाई इसी कारण आज हमारी भाषाएँ समृद्ध हैं। स्थानीय भाषाएँ भी समृद्ध हैं और दिन प्रतिदिन राजभाषा हिन्दी भी समृद्ध हुई है।”