मेरठ।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की मारामारी मची तो शासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हर अस्पताल में आॅक्सीजन प्लांट लगाने के लिए दिनरात जुटा था। लेकिन अब जैसे ही कोरोना की स्पीड कम हुई वैसे ही आक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य भी धीमा पड़ गया। मई में
शुरू होने वाले मवाना और दौराला सीएचसी के आक्सीजन प्लांट अब जून के अंतिम सप्ताह तक चालू हो सकेंगे। मेडिकल कालेज में टाटा एडवांस को प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। जिलाधिकारी का कहना है कि वहां अब जल्द काम शुरू होगा। जिला अस्पताल में प्लांट की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज हो गया है।
जिसे नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। लेकिन कई निजी अस्पताल जून महीने में ही अपनी आक्सीजन का निर्माण शुरू कर देने का दावा कर रहे हैं।
आक्सीजन संकट को देखते हुए मवाना सीएचसी में 45 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) आक्सीजन उत्पादन क्षमता का प्लांट जबकि दौराला सीएचसी में 200 एलपीएम क्षमता का प्लांट स्थापित करने का काम शुरू किया गया था। इन्हें मई महीने में ही शुरू करा देने की कोशिश थी जो कि सफल नहीं हो सकी। कारण देश भर में आक्सीजन प्लांट की मांग रहा। अब इन्हें जून के अंतिम सप्ताह तक चालू करके आक्सीजन का उत्पादन शुरू करने का दावा है। जिलाधिकारी के बालाजी की माने तो मवाना में प्लांट स्थापित हो चुका है। दौराला में प्लांट 15 जून तक पहुंच जाएगा। दोनों स्थानों पर पाइप लाइन की स्थापना का काम जारी है। वहीं किठौर अस्पताल में 50 बेड के लिए 250 एलपीएम क्षमता के आक्सीजन प्लांट की स्थापना के कार्य का आदेश दिया जा चुका है। एक ही फर्म को प्लांट स्थापना और पाइप लाइन लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।