हैदराबाद।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के दाम को लेकर मंगलवार को एक बड़ा स्टेटमेंट जारी किया। कंपनी ने कहा कि सरकार को हम 150 रुपए में कोवैक्सिन की एक डोज दे रहे हैं, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं किया जा सकता है। वैक्सीन निर्माता ने कहा है कि प्राइवेट मार्केट में वैक्सीन की अलग कीमत इसे बनाने की लागत की भरपाई के लिए है।
अलग-अलग कीमतें होने के बावजूद हमें लग रहा है कि कोवैक्सिन की एक डोज की औसत कीमत 250 रुपए आ रही है। हम जो भी वैक्सीन बना रहे हैं, उसका बड़ा हिस्सा केंद्र को जाएगा। केंद्र सरकार हमसे 150 रुपए में एक डोज खरीद रही है। 25% हिस्सा प्राइवेट मार्केट में जाएगा।
केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि हमारे अब तक के प्रोडक्शन का 10% हिस्सा प्राइवेट अस्पतालों को जाएगा। बची हुई ज्यादातर वैक्सीन केंद्र और राज्य सरकारों को जाएगी। इन हालात में सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन की औसत कीमत 250 रु. से कुछ ही कम होगी।
हमने अब तक वैक्सीन के प्रोडक्शन, डेवलपमेंट, क्लीनिकल ट्रायल और मैन्यूफैक्चरिंग सेटअप में 500 करोड़ से ज्यादा का निवेश अपनी तरफ से किया है। 150 रु. का दाम प्रतिस्पर्धा के लिहाज से सही नहीं है और ये लंबे समय तक नहीं चल पाएगा। ऐसे में प्राइवेट मार्केट में हमें ज्यादा कीमतें रखनी होंगी, ताकि लागत की भरपाई की जा सके।
ऐसे उदाहरण भी हैं। जैसे ह्यूमन पापिलोमा वायरस की वैक्सीन की एक डोज गावी अलायंस को 329 रुपए में दी जाती है, पर प्राइवेट मार्केट में इसकी कीमत 3500 रुपए पर डोज है।