भोपाल।
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कर्मचारियों को शासकीय सेवा में रहते हुए निजी काम या नौकरी का मौका देने की तैयारी कर रही है। इसके तहत कर्मचारी अधिकतम पांच साल की लंबी छुट्टी लेकर कोई भी काम कर सकेंगे। इस अवधि में उन्हें आधा वेतन भी मिलता रहेगा। इस व्यवस्था में उनकी वरिष्ठता प्रभावित नहीं होगी।
यह कवायद सरकार का खर्च कुछ कम करने के लिए की जा रही है। अभी राज्य सरकार करीब 60 हजार करोड़ रुपये सालाना वेतन-भत्तों पर खर्च कर रही है। हालांकि, शिक्षक, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस सहित ऐसे कई विभागों के कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे, जिनकी सेवाएं अत्यावश्यक होती हैं।
गौरतलब है कि सरकार के खर्च को कम करने के लिए वर्ष 2002 में दिग्विजय सरकार ने भी मध्य प्रदेश सिविल सेवाएं (फरलो) योजना शुरू की थी। यह योजना 2007 में भाजपा शासनकाल में बंद कर दी गई। करीब चार हजार कर्मचारियों ने इसका लाभ भी उठाया था। इसका फायदा यह रहा कि स्थापना व्यय कुछ कम हुआ। अवकाश की अवधि में व्यवसाय या निजी क्षेत्र में नौकरी की छूट मिलेगी।