नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को किसी भी हालत में अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने देना चाहिए। दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने आज यहां पहले मंत्री स्तरीय टू प्लस टू संवाद के दौरान इस बात पर सहमति व्यक्त की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया के उनके समकक्ष पीटर दत्तन्न तथा मेरिस पेन ने हिस्सा लिया। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि अफगानिस्तान को एक बार फिर से आतंकवादियों के लिए पनाहगार नहीं बनना चाहिए। बैठक के बाद श्री जयशंकर ने कहा कि हम ने अफगानिस्तान पर विस्तार से चर्चा की है और दोनों देशों के विचार एक समान है। दोनों पक्षों ने कहा कि सभी का फोकस गत 30 अगस्त को अफगानिस्तान के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 2593 पर होना चाहिए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान को अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के साथ व्यवहार को लेकर भी चिंता व्यक्त की। वित्त मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के कार्यक्रमों और वहां से वापस आने वाले लोगों के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने भी कहां की अफगानिस्तान को एक बार फिर से आतंकवादियों की शरण शास्त्र नहीं बनना चाहिए।