नई दिल्ली।
देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेता आशान्वित हैं कि केंद्र सरकार का फैसला उनके पक्ष में आएगा।
श्री कुमार के नेतृत्व में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत 10 राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमवार को साउथ ब्लाक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में श्री मोदी से मुलाकात की। इसके बाद श्री कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने जातीय जनगणना कराने के पक्ष में प्रधानमंत्री के सामने विस्तार से अपनी बातें रखीं। प्रधानमंत्री ने भी सबकी बातों को बहुत गौर से सुना। आगे वह इस पर क्या फैसला लेते हैं, इसका इंतजार रहेगा, लेकिन अभी उन्होंने इसे नकारा नहीं है। श्री कुमार ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने भी प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस पर विचार कर निर्णय लें। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है। यह एक बार जरूर हो जानी चाहिए। यह सबके हित में है। वर्ष 1931 में जातिगत आधार पर जनगणना कराई गयी थी, ये आंकड़े काफी पुराने हो गये हैं। इस बार जातिगत जनगणना हो जाने से सही आंकड़ा आ जाएगा और इसके बाद जिन वर्गों को सरकार की योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि जातिगत आधार पर जनगणना कराई जाती है तो यह राष्ट्र हित में और ऐतिहासिक होगा। इससे गरीबों को लाभ होगा तथा विकास और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन के पहले देश में लोगों को जातियों के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब जानवर और पेड़ पौधों की गणना की जाती है तो इंसानों की क्यों नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनगणना होती रही है।