मेरठ।
आखिरकार ऐसा क्यों होता है कि हादसे के बाद ही व्यवस्था बनाई जाए। शनिवार को एक्सप्रेस-वे पर किशोरी की मौत हो गई थी और उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वजह यह थी कि वह मोपेड से जा रहे थे, जबकि एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहन प्रतिबंधित होते हैं। लेकिन, उन्हें किसी ने एक्सप्रेस-वे पर जाने से रोका भी नहीं था। हालांकि अब इंटरचेंज पर
ड्यूटी लगाए जाने की बात कही
जा रही है।
शनिवार को बुलंदशहर के नरसेना निवासी लियाकत अपनी बेटी मिसबाह के साथ एक्सप्रेस-वे पर मोपेड से गांव जा रहे थे। गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के मुरादाबाद गांव के पास दिल्ली की ओर से आ रही गाड़ी ने टक्कर मार दी थी। मिसबाह की मौके पर ही मौत हो गई थी और पिता को सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया था कि वह भोजपुर इंटरचेंज से एक्सप्रेस-वे पर चढ़े थे। हालांकि परतारपुर इंटरचेंज से भी दोपहिया वाहन सवार एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते हैं।
गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली जाने के लिए उन्हें यह रास्ता सुगम लगता है। कई बार पहले भी हादसे हो चुके हैं। अब फिर एक बार मौत के बाद अफसर जागे हैं। एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि परतापुर चौराहे पर कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। साथ ही थाना पुलिस को भी सहयोग के लिए कहा गया है।
सोमवार से इंटरचेंज पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी जाएगी, ताकि कोई दोपहिया वाहन चालक एक्सप्रेस-वे पर न जा सके। साथ ही थाना पुलिस को भी वहां कर्मचारी तैनात करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।