नई दिल्ली।
नारदा स्टिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि कई बार उन्हें भी दबाव में लेने की कोशिश की जाती है। लेकिन वो इसकी परवाह नहीं करते। दरअसल, डबल बेंच ने यह वाकया सीबीआई की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता को बताया। वकील का कहना था कि टीएमसी नेताओं ने एजेंसी के अफसरों को दबाव में लेने के लिए कोलकाता हेडक्वार्टर पर धरना प्रदर्शन किया था।
जस्टिस बीआर गवई ने बताया कि 2013 में वो औरंगाबाद में तैनात थे। उस दौरान एक एंटीसिपेट्री बेल एप्लीकेशन की सुनवाई के दौरान महिला मोर्चा के लोग कोर्ट रूम में घुस गए थे। पुलिस ने उनसे कहा था कि वो फिलहाल कोई आदेश जारी न करें, लेकिन उन्होंने ओपन कोर्ट रूम में अपना आदेश सुनाया। वो किसी दबाव के आगे नहीं झुके।
जस्टिस गवई और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने सीबीआई को कहा कि उन्हें अपना काम बेखौफ होकर करना चाहिए। कोर्ट ने सीबीआई की दलील पर कहा कि वो चाहे तो अपने दफ्तर के घेराव के मामले में सीएम ममता बनर्जी और उनके कानून मंत्री पर एक्शन ले सकती है।
डबल बेंच ने सीबीआई को कोलकाता हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं सहित चार नेताओं को नारद रिश्वत मामले में घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दी थी।