मेरठ।
जिन कंपनियों में बना डिस्कस, शाटपुट और खेल उपकरण टोक्यो ओलिंपिक में विदेशी एथलीटों को मेडल दिला रहा है,उनको देखने वाला कोई नहीं है। दुनिया में सर्वश्रेष्ठ खेल उत्पाद वाली कंपनियां किन हालातों में बेजोड़ प्रदर्शन कर रही हैं। कीचड़ से सनी सड़कें और बजबजाती नालियां इनकी किस्मत बन गई है।
परतापुर स्थित उद्योगपुरम में स्टैग इंटरनेशनल, वीनेक्स और एटीई जैसी कई बड़ी खेल कंपनियां हैं, जहां से खेल उपकरण दुनियाभर के कोने-कोने में भेजे जाते हैं। स्टैग इंटरनेशनल में बनाए गए टेबल टेनिस का प्रयोग ओलिंपिक में हो रहा है। दिल्ली रोड से इस कंपनी की ओर बढ़ेंगे तो सड़क पूरी तरह गढ्ढे में तब्दील हो गई है। इस कंपनी तक टेबल टेनिस के वल्र्ड चैंपियन खिलाड़ी भी आए हैं, जो खराब इंफ्रास्ट्रक्चर देखकर हैरान रह गए। बीच-बीच में जमीन छूते ट्रांसफार्मर भयभीत करने वाले हैं। भल्ला स्पोर्ट्स कंपनी पड़ती है, जो देश की सबसे बड़ी खेल कंपनियों में शामिल है। सौ से ज्यादा उपकरण इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ एथलेक्टिस फेडरेशन से मान्यता प्राप्त हैं। ओलिंपिक में भल्ला स्पोर्ट्स के बने थ्रोइंग उपकरण एवं हर्डल बड़ी संख्या में उपयोग में लाए गए। इस कंपनी के चारों तरफ की सड़क कीचड़ से सनी हुई है। इसी सड़क पर एटीई कंपनी है, जिसके डिस्कस और शाटपुट ओलिंपिक में यूएसए व अन्य देशों के एथलीट फेंकते नजर आए। कृष्णा पूनिया और विकास गौड़ा जैसे थ्रोअरों की स्पांसर रह चुकी इस कंपनी तक बारिश में पहुंचना मुश्किल है। इस ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है।