मेरठ।
मेरठ जिले में ब्लैक फंगस के 12 और नए मरीज मिले। दो मरीजों की मौत हो गई। एक मौत मेडिकल कॉलेज और दूसरी मौत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हुई है।
अब तक ब्लैक फंगस के 210 मरीज मिल चुके हैं। सात मरीजों की छुट्टी हुई है। इस तरह 72 मरीजों की छुट्टी हो चुकी है। अब जिले में 120 सक्रिय मामले हैं। वहीं 18 की मौत हो चुकी हैं। बताया गया कि मेडिकल में 91 मरीजों का इलाज चल रहा है। 41 मरीज कोविड पॉजिटिव और 50 निगेटिव हैं। इनमें से 12 मरीज आईसीयू में गंभीर अवस्था में हैं। काला फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के 16 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। दोनों तरह के मरीजों की अलग-अलग कमरे में व्यवस्था है।
मेरठ में कोरोना संक्रमण पहले से कम हुआ है। 8504 सैंपलों की जांच हुई, जिनमें कोरोना के 40 नए मरीज मिले हैं, जबकि चार की मौत हो गई। अब जिले में 1980 सक्रिय मामले हैं। इनमें से 471 अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 866 होम आइसोलेशन में हैं। अब तक 65364 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से 778 लोगों की मौत दिखा रहा है। जाँच में 400 मरीजों की छुट्टी हुई है। अब तक 54978 की छुट्टी हो चुकी है।
उधर, गांवों में भी कोरोना कम होने लगा है। मंगलवार को 2891 लोगों की जांच की गई, जिनमें 13 कोरोना पॉजिटिव निकले। अब देहात में 617 सक्रिय मामले हैं। वहीं 173 को मेडिकल किट बांटी गई। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सीएचसी मवाना 20 बेड, सरधना में 10 बेड, दौराला सीएचसी पर पांच बेड और नवनिर्मित अस्पताल किठौर में 50 बेड की व्यवस्था की गई है।
खासकर बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों के मद्देनजर यह व्यवस्था की है।