नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से फिलहाल बिहार की राजनीति को लेकर चर्चा बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन यह बात भी सच है कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अब कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही निशाना साथ रहे हैं। भले ही बिहार में सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में है लेकिन मांझी टीकाकरण को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने अपने ट्वीट को डिलीट तो जरूर कर लिया लेकिन कहीं ना कहीं बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक नए चर्चा को जन्म दे दिया है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार मांझी के सहारे ही भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश में लगातार हैं।
फिलहाल मांझी के आरोपों पर भाजपा चुप है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल के अलावा किसी और नेताओं ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। इसका कारण यह है कि जीतन राम मांझी एनडीए में बड़े दलित चेहरा के रूप में शामिल हैं। मगध और गया क्षेत्र में मांझी की पकड़ अच्छी है। साथ ही साथ मांझी के पार्टी से 4 विधायक भी है। कोरोना टीकाकरण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है। मांझी ने इसी तस्वीर को लेकर आपत्ति दर्ज की है। मांझी ने कहा कि जब वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर है तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर लगाई जानी चाहिए।