नई दिल्लीख्। कोरोना के टीकाकरण को लेकर सत्ता पक्ष-विपक्ष की बहस के बीच सरकारी आंकड़ों में बताया गया कि विपक्ष शासित नौ राज्यों में कोविड के 33.23 लाख टीके बरबाद हो गये हैं जबकि इन राज्यों में टीकाकरण की गति बहुत धीमी है। महाराष्ट्र एवं केरल में महामारी की दूसरी लहर जल्द आने के बावजूद राज्य सरकारों ने टीकाकरण को लेकर उदासीनता ही दिखायी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 11.65 लाख, केरल में 6.33 लाख, राजस्थान में 4.76 लाख, आंध्र प्रदेश में 2.89 लाख, तेलंगाना में 2.25 लाख, दिल्ली में 1.82 लाख, छत्तीसगढ़ में 1.55 लाख, पंजाब में 1.43 लाख एवं झारखंड में 55 हजार टीके बरबाद हुए हैं। दस्तावेजों में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में मात्र 23 प्रतिशत, पंजाब में 32 प्रतिशत, तेलंगाना में 39 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र में 40-40 प्रतिशत, केरल में 49 प्रतिशत, दिल्ली में 50 प्रतिशत, राजस्थान में 64 प्रतिशत तथा छत्तीसगढ़ में 65 प्रतिशत आबादी को पहला टीका लगाया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं
के मामले में भी ये राज्य अन्य राज्यों से पीछे हैं।
उधर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया कि मोदी सरकार ने सितंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच देश में ऑक्सीजन बेड की संख्या 36 प्रतिशत, सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की संख्या 46 प्रतिशत तथा वेंटीलेटर बेड 28 प्रतिशत कम क्यों किये थे।