EMAIL

info@greenindiamedia.in
globemediahouse@gmail.com

Call Now

+91-9837408090

News Details

‘माननीयों के खिलाफ मुकदमा हाईकोर्ट की अनुमति के बिना वापस नहीं’

  • 11-Aug-2021

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कोई मुकदमा संबंधित उच्च न्यायालयों की अनुमति के बिना वापस नहीं लिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए विशेष अदालतों की स्थापना के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि विशेष अदालतों में सांसदों/विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के अगले आदेश तक अपने वर्तमान पदों पर बने रहें। उनका तबादला नहीं किया जाएगा। न्यायाधीशों में बदलाव उसी स्थिति में होगा, जब सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति होती है या उनका निधन हो जाता है। खंडपीठ ने कहा, “हम यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि सांसदों/ विधायक के खिलाफ कोई भी मुकदमा बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना वापस न लिया जाये। न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया के उस अनुरोध पर जारी किया गया कि सीआरपीसी की धारा 321 के तहत उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना किसी संसद सदस्य या विधान सभा/परिषद के मौजूदा या पूर्व सदस्य के विरुद्ध किसी भी अभियोजन को वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।