आंदोलन के 85वें दिन किसानों ने देशभर में ट्रेनें रोकीं, सभी जगह शांतिपूर्ण प्रदर्शन
ग्रीन इंडिया
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 85वें दिन गुरुवार को किसानों ने देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ट्रेनें रोककर प्रदर्शन किया। इसका ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखा गया। इन दोनों राज्यों में कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। इधर, राजस्थान में जयपुर समेत 6 जिलों में प्रदर्शन हुए।
राहत की बात यह रही कि सभी जगह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। कहीं से किसी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ की खबर नहीं आई। रेलवे का कहना है कि ट्रेनों की आवाजाही पर ज्यादा असर नहीँ पड़ा। कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं, लेकिन शाम तक सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही नॉर्मल हो गई।
राजस्थान: जयपुर के गांधीनगर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी। जगतपुरा स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया गया। जयपुर जिले के चौमूं रेलवे स्टेशन पर आंदोलकारी पटरियों पर बैठ गए। उधर अलवर में भी ट्रेनें रोकी गईं। प्रदेश के 6 जिलों में रेल रोको प्रदर्शन का असर देखा गया।
हरियाणा: पानीपत में TDI सिटी के पास पुल के नीचे वाले ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रुक गई। वहां किसान ट्रैक पर बैठ गए। करीब 12.45 बजे पहुंची बांद्रा-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया। इससे पहले बठिंडा एक्सप्रेस डेढ़ घंटे लेट आई थी और पैसेंजर्स को लेने के लिए सिर्फ 2 मिनट रुकी थी। हरियाणा में करीब 80 जगहों पर प्रदर्शन हुए।
पंजाब: यहां 15 जिलों में 21 जगहों पर किसानों ने ट्रेनें रोकीं। पटियाला जिले में नाभा, संगरूर में सुनाम, मानसा, बरनाला, बठिंडा में रामपुरा, मंडी, संगत और गोनियाना, फरीदकोट में कोटकपूरा, मुक्तसर में गिद्दड़बाहा, फाजिल्का में अबोहर और जलालाबाद, मोगा में अजीतवाल, जालंधर में तरनतारन, अमृतसर में फतेहगढ़ में ट्रेनें रोकी गईं।
दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो पर भी पड़ा असर
दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने मोतीनगर के पास ट्रैक जाम कर दिया। वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मेट्रो प्रबंधन भी अलर्ट था। एहतियात के तौर पर टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए।
रेलवे ने 20 हजार जवान तैनात किए थे: किसानों के रेल रोकने के एलान को देखते हुए देशभर में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 एक्स्ट्रा कंपनियां करीब 20 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए थे। इनमें से ज्यादातर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया।