नयी दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी तथा आम आदमी पार्टी के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, विधायकों एवं सांसदों से दलगत भावना से उपर उठ कर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए आगे आने की अपील की है।
चौ. अनिल ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नियमित बढ़ोतरी से चिंतित होकर राजधानी के सभी भाजपा सांसदों और विधायकों एवं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसदों, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों सहित सभी विधायकों को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि वे संकीर्ण राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर कांग्रेस के साथ मिलकर केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली सरकार से एक्साईज ड्यूटी और और वैट को कम करने के लिए अपनी सरकार पर दवाब डाले ताकि लोगों को राहत मिल सके।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेट्रोल और डीजल 80 रुपये प्रति लीटर से अधिक पर बिक रहा हैं, और इतिहास में पहली बार डीजल पेट्रोल की तुलना में महंगा हुआ है, क्योंकि केंद्र सरकार एक्साईज ड्यूटी के रुप में लगभग 32 रुपये वसूल रही है और दिल्ली सरकार वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) के रूप में लगभग 18 रुपये प्रति लीटर शुल्क वसूल रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना वायरस के महामारी के संकट से चिकित्सा, आर्थिक, व्यक्तिगत आदि समस्याओं ने दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल (अकेले जून में 23 बार) की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर प्रभाव पड़ा है क्योंकि परिवहन द्वारा माल ढुलाई की लागत में भारी वृद्धि हुई है और आम लोगों के पास पैसा नही है। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने किसानों, ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों और आम लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही कीमतें कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही हैं।
उन्होंने भाजपा और आप पार्टी दोनों के चुने हुए प्रतिनिधियों को याद दिलाया कि मतदाताओं के हित की रक्षा करना उनका भी नैतिक दायित्व है, जिन्होंने उन्हें निर्वाचित करके सत्ता सौंपी है और यह आश्चर्यजनक है कि मूल्य वृद्धि पर मौन धारण किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ यदि दोनो राजनीतिक दल भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें कम करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अनुरोध करें तो केंद्र और दिल्ली सरकार पर तेल की कीमतें कम करने के लिए मजबूर हो जाऐंगी और दिल्ली के लोगों को मंहगे तेल से राहत मिलेगी।