ऑक्सीजन से भरे सिलेंडरों को संस्थाओं को कराना होगा प्रमाणित
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चिकित्सा ऑक्सीजन के मालवहन, भण्डारण और आयातित सिलेंडर और उपकरण को अनुमति देने की प्रक्रिया में छूट देते हुए गैस सिलेंडर नियमावली 2016 में बदलाव किया है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडर और भण्डारण तथा मालवहन के उपकरण आयात करने की प्रक्रिया की समीक्षा की है। पेट्रोलियम और विस्फोटक संरक्षा संगठन-पीईएसओ की यह समीक्षा वैश्विक विनिर्माताओं के लिए है।
मंत्रालय ने कहा है कि प्रक्रिया में किए गए ये बदलाव अगले छह महीने या उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अगले आदेश तक लागू रहेंगे।
बयान में कहा गया है कि कोविड महामारी को देखते हुए पीईएसओ किसी भी विनिर्माताओं को अऩुमति देने के लिए विनिर्माण संयंत्र का प्रत्यक्ष निरीक्षण नहीं करेगा। अब ऐसे प्रस्तावों को बिना किसी देरी के आवेदन के साथ ही ऑनलाइन अऩुमति दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा है कि सिलेंडर भरने की अनुमति इन रियायतों के आधार पर दी जाएगी। ये रियायतें उन उपकरणों पर भी लागू होंगी जिनका आयात करने के लिए पहले अनुमति नहीं ली गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि विदेश से ये उपकरण लाने के लिए पीईएओ का प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं है। ऑक्सीजन सिलेंडर के इस्तेमाल करने से पहले इसकी अनुमति लेनी होगी जिसमें सिलेंडर का वजन और हाइड्रो जांच का ब्यौरा होगा। मंत्रालय के अऩुसार भारतीय दूतावासियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत भेजे जाने वाले सिलेंडर भारतीय या अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों।