कोच्चि।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत अगले साल नौसेना में शामिल हो जाएगा। इसके शामिल होने से देश की रक्षा क्षमताओं में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने दोहराया कि वह दिन दूर नहीं जब भारतीय नौसेना दुनिया की शीर्ष तीन शक्तिशाली नौसेनाओं में शुमार होगी। कोचीन बंदरगाह के एर्नाकुलम जेटी पर विमान वाहक पोत के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करने के बाद मीडिया को जारी बयान में राजनाथ ने इसे देश का गौरव और आत्मनिर्भर भारत का बेहतरीन उदाहरण करार दिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को राजग सरकार ने मंजूरी प्रदान की थी और कोरोना महामारी के बावजूद इसने अच्छी प्रगति की है। अगले साल इसका नौसेना में शामिल होना देश की आजादी के 75वें साल पर उचित श्रद्धांजलि होगी।रक्षा मंत्री ने इससे पहले गुरुवार को कारवार में सीबर्ड प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी।
रक्षा मंत्री ने इससे पहले गुरुवार को कारवार में सीबर्ड प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा और हिंद महासागर व अन्य क्षेत्रों में नौसेना के अभियानों में सहायता के लिए सुविधाएं और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा। राजनाथ ने कहा कि सरकार नौसेना को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और ये दोनों परियोजनाएं सरकार की दृढ़ता का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, 'आधुनिकीकरण की गति और देश के उद्योगों की क्षमता व तकनीक का इस्तेमाल हमारी प्राथमिकता है। 44 युद्धपोतों के आर्डर में से भारतीय शिपयार्ड्स में बन रहे 42 युद्धपोत इसको प्रमाणित करते हैं।'