ग्रीन इंडिया
मेरठ। दिल्ली-मेरठ के बीच बेहतर यातायात की सुविधा प्रदान देने के लिए रैपिड रेल का ट्रैक बिछाने की तैयारी मेरठ शहर में भी शुरू हो चुकी है। रास्ते में आने वाली जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऐसे में निगम ने रैपिड को रास्ता देने के बदले 11.33 करोड़ रुपये की मांग जिला प्रशासन से की है। निगम द्वारा मुआवजे को लेकर किए गए दावों की स्थिति स्पष्ट न होने कारण अधिकारी उलझे हुए हैं।
नगर निगम की अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्यायन ने एडीएम एलए को पत्र लिखकर रैपिड रेल के रास्ते में आ रही नगर निगम की जमीन और आय के संसाधनों के बदले 11.33 करोड़ रुपये की मांग की है। अपर नगर आयुक्त के अनुसार रैपिड रेल के रास्ते में उत्तरी पटेल नगर का बड़ा हिस्सा आ रहा है। यहां पर निगम का भवन कर, जलकर और ड्रैनेज के रूप में करीब 2.33 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसे में रैपिड रेल के लिए पटरी बिछाने से पहले भुगतान करना आवश्यक है।
अपर नगर आयुक्त ने दिल्ली रोडवेज बस अड्डे की जमीन को निगम की संपत्ति बताकर 9 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मांगा है। उधर, निगम द्वारा मांगे गए मुआवजे को लेकर अधिकारी परेशान हैं। क्योंकि अभी तक निगम के संसाधनों के बदले मुआवजा देने के संबंध में एनसीआरटीसी की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। अधिकारियों
ने कहा, नियमानुसार एसीआरटीसी
को मुआवजा प्रदान करना चाहिए। नगर आयुक्त का मुआवजे से
संबंधित पत्र प्राप्त हुआ है। जिसका जवाब दिया जा रहा है। रैपिड रेल के लिए हो रहे अधिग्रहण का हमसे कोई मतलब नहीं है।