केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में लिए गए कई अहम फैसले
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण, इकोनॉमी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर हो रहे हमलों पर केंद्र सरकार ने पूर्ण विराम लगाने का इरादा बना लिया है। कैबिनेट की पहली बैठक के बाद सरकार का ये इरादा तब साफ हो गया, जब नए चेहरों ने फैसलों की जानकारी जनता के बीच रखी। जिन फैसलों की जानकारी पहले रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर देते थे, उन अहम फैसलों को सुनाने का जिम्मा नए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को सौंप दिया गया है।
कोरोना की दूसरी लहर के कारण मंत्रालय गंवाने वाले डॉ. हर्षवर्धन की जगह मीडिया के सामने नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आए। आते ही उन्होंने 23 हजार करोड़ के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया। अपने छोटी सी स्पीच में कई बार उन्होंने पूर्ण विराम शब्द का इस्तेमाल किया। तीसरी लहर की चुनौतियों का जिक्र किया और ये इशारा भी कि इस लहर पर पूर्ण विराम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अभी से तैयार है।
कैबिनेट में बदलाव के बाद पहली मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कैबिनेट के साथ मीटिंग की। मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव के बाद यह कैबिनेट की पहली मीटिंग थी। यह मीटिंग वर्चुअली की गई। इसमें सभी 30 कैबिनेट मंत्री शामिल हुए। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए अहम फैसला लिया गया। इसके तहत किसानों को फायदा दिया जाएगा।
दूसरी लहर से सबक लेकर नया पैकेज लाए
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा- 2020 में कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने पहला पैकेज 15 हजार करोड़ रुपए का दिया गया था। इसकी मदद से कोविड डेडिकेटेड अस्पताल 163 से 4,389 हो गए। पहले कोविड हेल्थ सेंटर थे ही नहीं, अब 8,338 हो चुके हैं। कोविड केयर सेंटरों की संख्या 10 हजार हो गई है। ऑक्सीजन बेड 4 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस फंड का अच्छा इस्तेमाल हुआ। कोरोना की दूसरी लहर में जो दिक्कतें हमारे सामने आईं, उसे देखते हुए 23 हजार करोड़ का नया पैकेज लाए हैं। केंद्र 15 हजार करोड़ खर्च करेगा और राज्य सरकारों को 8 हजार करोड़ दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्रियों ने कहा कि देश में भविष्य में ऑक्सीजन की समस्या न हो, जरूरी दवाओं की कमी न हो और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए क्या किया जाए, इसे सोचते हुए ये पैकेज दिया जा रहा है। सेंट्रल और इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इस पैकेज का इस्तेमाल करके हम कोविड से लड़ेंगे। टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेशन पर फोकस किया जाएगा।
किसानों के लिए दो करोड़ तक के लोन का एलान
नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में फैसला गया कि कि एक लाख करोड़ रुपए मंडियों के जरिए किसानों तक पहुंचाए जाएंगे। साथ ही नारियल की खेती करने वाले किसानों के फायदे के लिए नारियल एक्ट में अहम संशोधन किए गए हैं। इसके तहत नारियल बोर्ड बनाया जाएगा। इसका CEO राजनीतिक आदमी नहीं होगा। इस बार बजट आया था तो कहा गया था कि मंडियां मजबूत की जाएंगी। राज्य सरकार और कोऑपरेटिव फेडरेशन, स्वसहायता समूह और APMC एक लाख करोड़ के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के लिएपात्र होंगी। उन्होंने कहा कि एग्री स्टार्टअप, किसानों के समूह को 2 करोड़ तक का लोन पर 3% ब्याज की छूट दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा प्रोजेक्ट, इन प्रोजेक्ट की अधिकतम सीमा 25 हो सकती है और अलग-अलग इलाकों में होंगी। इन पर 2 करोड़ रुपए अलग-अलग लोन दिया जाएगा और ब्याज की छूट होगी।