ग्रीन इंडिया
मेरठ। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में गुरुवार को किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया। इसके मद्देनजर मेरठ और आसपास के जिलों में किसानों का आक्रोश दिखा। बुलंदशहर के खुर्जा रेलवे स्टेशन पर किसानों ने एक घंटे तक गोमती नगर एक्सप्रेस को रोके रखा। इसी बीच में ड्राइवर पर किसानों ने फूलों की वर्षा की।
मेरठ में किसानों ने ट्रैक पर बैठकर ट्रेने रोंकीं। रेलवे ने पहले ही साप्ताहिक बांद्रा रोक ली थी। मेरठ में करीब तीन बजे किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। वहीं आसपास के जिलों में भी यह आंदोलन 3.30 बजे तक चला। बिजनौर के नजीबाबाद में किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण ट्रेनें पहले ही रोक ली गईं। इस आंदोलन के कारण सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बागपत में भी कई ट्रेनों के संचालन में बाधा आई। यात्री परेशान नजर आए। इस दौरान भारी पुलिस बल पीएससी के साथ तैनात रहा। बांद्रा से चलकर हरिद्वार जाने वाली साप्ताहिक बांद्रा को रेलवे प्रशासन ने कैंट स्टेशन पर धरने को देखते हुए सिटी रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया। कैंट रेलवे स्टेशन अधीक्षक उपेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ सिटी स्टेशन पर साप्ताहिक बांद्रा अपने निर्धारित समय 12:25 बजे पहुंच गई थी। एहतियात के तौर पर रेल को सिटी स्टेशन पर रोक लिया गया। अपर नगर मजिस्ट्रेट सुनीता सिंह अधिकारियों के साथ किसानों के बीच रेलवे ट्रैक पर पहुंची। किसानों से ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्त करने का निवेदन किया, लेकिन भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि वह चार बजे से पहले धरना समाप्त नहीं करेंगे। एएसपी कैंट और सीओ ब्रहमपुरी ने दोबारा उनके न आने की बात कही तो भाकियू पदाधिकारी उखड़ गए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासनिक अधिकारी नहीं आते हैं तो वह होमगार्ड को भी ज्ञापन सौंप देंगे। यह जवाब सुनकर ACM सुनीता सिंह और पुलिस अधिकारी नाराज होकर किसानों के बीच से वापस लौट गए। लगभग तीन बजे भाकियू के पदाधिकारियों ने एसीएम सुनीता सिंह को ही ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्त कर दिया। इस दौरान भाकियू नेताओं ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगाये।