मेरठ।
मेरठ में कोविड की बंदिशों में ढील की उम्मीद के साथ एक जून के बाद व्यापारियों ने दुकानों और गोदामों को साफ-सफाई के लिए खोला तो वे दंग रह गए।
दुकानों में स्टॉक में रखे अधिकतर सामान को चूहे कुतर चुके थे तो कुछ सामान खराब हो चुका था। चूहोें ने दुकानों में रखीं साड़ियों, जूते, चप्पल, कागज और स्टेशनरी तक के सामान को काफी नुकसान पहुंचाया।
शहर के व्यापारियों का कहना है कि चूहों ने ही उन्हें लाखों की चपत दे दी है। बारिश, सीलन, गलन, शार्ट सर्किट जैसी समस्याओं के कारण भी काफी सामान अब प्रयोग करने लायक नहीं रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में करीब दो महीने तक हर तरह का कारोबार बुरी तरह प्रभावित रहा।
शहर में पहले और दूसरे दिन सिविल लाइंस, ब्रह्मपुरी, कोतवाली, सदर बाजार, दौराला के बाजारों को खोलकर दुकानों में रखे सामान को व्यवस्थित करने की अनुमति दी गई। दुकान खोलने का समय दोपहर एक से शाम चार बजे तक रहा। गारमेंट्स, फुटवियर, कागज, स्टेशनरी, साड़ी, किड्स वियर सहित अन्य दुकानों पर सामान खराब हुआ है। दिल्ली रोड पर जगन्नाथपुरी निवासी गौरव शर्मा की बैटरी शॉप है। उनकी सीलिंग गिर गई। इलेक्ट्रिक उपकरण जल गए। सदर बाजार में कई दुकानों पर साड़ी, कपड़े, कास्मेटिक्स, फुटवेयर शॉप में नुकसान हुआ। व्यापारी सचिन चोपड़ा ने बताया कि उनके महंगे जूते चूहों ने कुतर डाले। प्लास्टिक के मजबूत वाइपर तक चबा गए। सुभाष बाजार में बाल किशन राय की दुकान में चूहों ने साड़ियों को कुतर डाला। खंदक व्यापारी अंकुर गोयल सहित अन्य बचे हुए सामान को व्यवस्थित करने में जुटे रहे।