मेरठ।
स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की अक्षयवट नर्सरी में पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रजातियों के पौधें तैयार करके लोगो को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है।
वातावरण को शुद्ध बनाने में पेड़ पौधों की मुख्य भूमिका रही है, वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में जिस प्रकार हमारे जीवन में प्रकृति व शुद्धता के प्रति जागरूकता बढ़ी है, तो इसी क्रम में पौधें भी संजीवनी के रूप में हमारा पूरा सहयोग कर रहे हैं। इन्हीं पौधों की एक प्रजाति सिंगोनियम है, जिसकी विशेषता है कि यह ऑक्सीजन प्योरिफायर पौधा है जो वातावरण की ऑक्सीजन को शुद्ध करने में सहायक है।
अब लोग अपने घरों में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रखने के लिये सुभारती विश्वविद्यालय की अक्षयवट नर्सरी में तैयार सिंगोनियम के पौधें प्राप्त करके लगा सकते हैं। सुभारती विश्वविद्यालय के प्रबन्धक उद्यान एसी पाठक ने अवगत कराया कि ‘‘सिंगोनियम‘‘ एक शानदार इंडोर पौधा है जिसे लोग वातावरण को शुद्ध करने के साथ अच्छी हरियाला के लिये भी लगा सकते है। उन्होंने पौधें की विशेषता के बारे में बताया कि यह हर प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करके नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इसका वानस्पतिक नाम ‘‘सिंगोनियम पोडोफाइलम‘‘ हैं। सिंगोनियम का पौधा प्रायः गर्मी व सर्दी दोनो मौसम में लगाया जा सकता हैं परन्तु अधिक गर्मी व अधिक सर्दी में पौधें की पत्तियां झुलस जाती है। अतः सिंगोनियम के पौधे को रखने हेतु कमरे का तापमान गर्मियों में 25 डिग्री सेल्सियस तथा सर्दियों में 17 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। पौधे को पानी देने से पहले यह देख ले कि पौधे की ऊपरी सतह सूखी है या गीली, सामान्यताः सिंगोनियम के पौधे को अधिक पानी की आवश्यकता नही होती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सिंगोनियम का पौधा मुख्य रूप घरों में कमरों के कॉर्नर, बरामदा, खिड़की, बालकनी, इंडोर स्टेयर्स तथा कार्यालयों में भी लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिंगोनियम के पौधें विश्वविद्यालय की अक्षयवट नर्सरी में सुबह आठ बजे से सायः 5 बजे तक प्राप्त किये जा सकते है।