नई दिल्ली।
भारत ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के कारोबार जगत को आज आश्वस्त किया कि कोविड पश्चात परिदृश्य में भारत एक अधिक भरोसेमंद एवं टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने वाला स्थान बनेगा और समूचा हिन्द्र प्रशांत क्षेत्र इससे लाभान्वित होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां हिन्द प्रशांत बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कोविड की दूसरी लहर से बाहर आ रहा है और देश में जल्द ही बहुत मजबूत आर्थिक रिकवरी दिखायी देगी। यह एक अधिक जीवंत एवं कारोबार अनुकूल स्थान बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रगति का इंजन बन कर योगदान करता रहेगा और वह कोविड पश्चात परिदृश्य में एक अधिक भरोसेमंद एवं टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला के साथ उभरेगा जिसकी दुनिया को बहुत आवश्यकता रहेगी। उन्होंने कहा कि कारोबार जगत में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहतर विश्व में सबसे अहम सिद्धांत होगा। हिन्द प्रशांत क्षेत्र में यह गतिविधि एवं ऊर्जा विशेष रूप से परिलक्षित होगी।
विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड युग की बाध्यताओं ने हमें अधिक से अधिक डिजीटल बनाया है। संक्रमण के शिकार और उनके संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने और टीकाकरण का पंजीकरण, होम डिलीवरी, वर्चुअल कॉल, वर्क फ्राॅम होम आदि इसके उदाहरण हैं। इस प्रक्रिया में नये अवसरों एवं दक्षताओं का पता चला और उसके जोखिम भी उजागर हुए। उन्होंने कहा कि हाईस्पीड इंटरनेट, साइबर सुरक्षा, डिजीटल साक्षरता, गहन तकनीकी सहयोग, क्षेत्रीय ई-काॅमर्स और दक्ष ई-शासन आने वाले दिनों में चर्चा के केन्द्र में आयेंगे। हिन्द प्रशांत क्षेत्र के देशों में डिजीटल कनेक्टिविटी को सशक्त करना आर्थिक समृद्धि और विकास की आवश्यक शर्त है। समान विचार वाले देशों को परस्पर डाटा आधारित डिजीटल विकास साझीदारी के लिए मिल कर काम करना होगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था भले ही धीमी हुई हो लेकिन इसकी गति रुकी नहीं है। इसलिए यह मौका इसे दर्शाने का है। हमारे सामूहिक प्रयास अवसंरचना की गुणवत्ता को पुनर्परिभाषित करने के होने चाहिए। वे कृषि को अधिक टिकाऊ बना सकते हैं और ब्ल्यू इकॉनोमी का दोहन कर सकते हैं। परिवहन साधनों और डिजीटल माध्यमों की कनेक्टिविटी विविधतापूर्ण आपूर्ति श्रृंखला, जोखिम को कम करने, कारोबार बढ़ाने एवं लागत को कम करने के लिए महत्वपूर्ण रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत रिकवरी एवं पुनर्निर्माण की चुनौती से निपट रहा है। हमने पुनर्निर्माण के लिए सुधार किये हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में हमने ढांचागत विस्तार के साथ ही बहुत व्यापक हेल्थ कवरेज का कार्यक्रम तेज गति से चलाया है। वर्तमान में टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य क्षेत्र को पूरी तरह से बदल देना है। इसमें अधिक निवेश होगा। कृषि क्षेत्र में किसानों का सशक्तीकरण और फसलों के मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। कुल 13 प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शन आधारित लाभ देने का वादा किया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाये गये हैं। इन सबका उद्देश्य भारत की ताकत को गहन बनाना, क्षमता को वृहद करना और अधिक दायित्वपूर्ण बनाना है ताकि कारोबार को अधिक आसान बनाया जा सके।