नई दिल्ली।
मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार से पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफों का दौर चला, जिसमें एक दर्जन से अधिक मंत्रियों को मंत्रिमंडल से जाना पड़ा। एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अहम मंत्रालय छीन लिया गया है तो सरकार को आईटी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी इस्तीफा देना पड़ा है।
रविशंकर प्रसाद से ऐसे समय पर इस्तीफा लिया गया है, जब उनके मंत्रालय ने नए आईटी नियमों को लागू किया था, जिसको लेकर ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों से सरकार का टकराव चल रहा था। ऐसे में इनके इस्तीफे से विश्लेषक भी हैरान हैं। मोदी मंत्रिमंडल से कुल 12 मंत्रियों का इस्तीफा हुआ है। राष्ट्रपति सचिवालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ''प्रधानमंत्री के सुझाव पर भारत के राष्ट्रपति ने मंत्रिपरिषद के 12 सदस्यों का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।'' जिन मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार किया गया है, उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्द्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार शामिल है।
रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्रालय के साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय था जबकि जावड़ेकर पर्यावरण मंत्रालय के साथ साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया, प्रतापचंद सारंगी और देवश्री चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इससे पहले, सूत्रों ने बताया कि निशंक ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। डॉ. हर्षवर्धन के पास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय था। गौड़ा ने भी केंद्रीय मंत्रिपसांख्यिकी एवं कार्यक्रम अनुपालन, विधि और रेल मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके हैं।