मेरठ। पहली बारिश में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर हुए मिट्टी कटान ने जीआर इंफ्रा और एनएचएआई अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
इस स्थिति के कारण 32 किमी के एक्सप्रेसवे का सर्वे कराया गया है। जहां-जहां अधिक पानी जमा हुआ और मिट्टी कटान है, उस स्थान को चिह्नित किया गया है। सबसे अधिक मिट्टी कटान और पानी भराव परतापुर इंटरचेंज से दिल्ली की ओर चलने पर तीन किमी तक हुआ है। यहां सूटडेन को 20 मीटर की दूरी से हटाकर दस-दस मीटर की दूरी पर बनाया जाएगा ताकि जुलाई-अगस्त में होने वाली बारिश में दिक्कत का सामना न करना पड़े। डासना से परतापुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रसेवे होने के कारण दोनों तरफ खेत हैं। बारिश के कारण सबसे अधिक परेशानी इसी चरण में आएगी।
खेत और दलदली मिट्टी होने से यहां खिसकने का डर ज्यादा है। इसलिए इंजीनियरों की टीम ने सर्वे कर सूटडेन की दूरी कम करने का फैसला लिया है। हाइवे पेट्रोलिंग कार को भी अलर्ट पर कर दिया है। रोजाना कार को 300 किमी का चक्कर लगाना होता है।