मेरठ, ग्रीन इंडिया
मथुरा के ब्रजभूमि फाउंडेशन की ओर से दिल्ली में आयोजित ‘नारी शक्ति को प्रणाम‘ सम्मान समारोह में स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज को देश में उभरती हुई महिला शक्ति के रूप में प्रभावशाली महिला का अवार्ड देकर सम्मानित किया गया है। यह सम्मान मथुरा के ब्रजभूमि फाउंडेशन की ओर से देश की 51 प्रभावशाली महिलाओं चुनकर उनके जरिये समाज सेवा, स्वास्थ, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, खेल एवं कला के क्षेत्र में उत्कर्ष योगदान देने पर मिला है।
मेरठ की एेतिहासिक धरती से महिलाओं के लिये यूथ आइकॉन बनकर उभर रही सुभारती विवि की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज शिक्षा एवं स्वास्थ सहित समाज सेवा के क्षेत्र में लगातार उत्कर्ष कार्य कर रही है साथ ही महिलाओं के उत्थान हेतू किये जा रहे सराहनीय कार्यो की हर ओर प्रशंसा हो रही है। अभी हाल ही में डा.शल्या राज ने श्रमिक वर्ग के छोटे बच्चों की देखभाल हेतु सुभारती विवि में निःशुल्क क्रेच सेन्टर का शुभारंभ किया जिसमें भवनों का निमार्ण करने वाले श्रमिक अपने बच्चों को क्रेच सेन्टर में छोड़कर अपना कार्य कर सकते है जो नैतिक मूल्यों का शानदार उदाहरण है। डा.शल्या राज में अपने पिता सुभारती विवि के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध के सभी गुण विद्यमान है जो उनके आदर्शें से प्रेरणा लेकर भारत को विश्वगुरू बनाने का संकल्प के साथ समाजिक उत्थान के कार्य कर रही है। सम्मान ग्रहण करने के बाद ब्रजभूमि फाउंडेशन के संस्थापक अश्वनी चौधरी एवं रिचा मेहता को धन्यवाद देते हुए डा.शल्या राज ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये उन्हें जागरूक करने के साथ प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि महिलाएं अपनी प्रतिभा साबित करके समाज एवं देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि सुभारती विवि में अधिकतर संख्या छात्राओं की है जिन्हें विवि शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र को सीखाते हुए रोजगार प्राप्त करने के लिये कौशल निमार्ण करने के साथ नेतृत्व करने की क्षमता विकसित कर रहा है। उन्होंने बताया कि सुभारती विवि लैंगिक समानता एवं नैतिक मूल्यों को बल देने के साथ छात्राआें को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देशहित में योगदान देने के लिये प्रोत्साहित करता है। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में महिलाएं हर मैदान में पुरूषों से आगें है लेकिन हमारे समाज की रूढ़ीवादी मानसिकता से महिलाओं की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जाती है जो बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि देश का विकास तब ही हो सकता है जब महिला शिक्षित हो और एक शिक्षित महिला पूरे परिवार को शिक्षा देती है, इसलिए महिलाओं को शिक्षा एवं कानून के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।