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देश का कानून मानना ही होगा: सरकार

  • 28-May-2021

ट्विटर के आरोप को सरकार ने किया खारिज, सख्त लहजे में दी चेतावनी नई दिल्ली।सरकार ने कहा कि देश में कानूनों का पालन करने की जरूरत है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु का एकमात्र अधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में उसका कोई स्थान नहीं है। ट्विटर द्वारा भारत में पुलिस के डराने धमकाने की रणनीति और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर खतरा होने का आरोप लगाया गया है। इस पर अब देश की राजनीति तेज हो गई है। भारत सरकार ने ट्विटर के इन आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने ट्विटर के डराने धमकाने संबंधी आरोप को झूठा और आधारहीन बताया है। आईटी मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर अपने कदम के जरिये जानबूझकर आदेश का पालन नहीं करके भारत की कानून व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। सरकार ने कहा कि देश में कानूनों का पालन करने की जरूरत है। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु का एकमात्र विशेषाधिकार है। कानून बनाना और नीति बनाना संप्रभु का एकमात्र विशेषाधिकार है और ट्विटर सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है और भारत की कानूनी नीति की रूपरेखा क्या होनी चाहिए, यह तय करने में उसका कोई स्थान नहीं है। माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने कहा कि वह आईटी नियमों के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहा है जो ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’ ट्विटर ने कहा, ‘‘फिलहाल, हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हालिया घटनाओं और अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संभावित खतरे से चिंतित हैं।’’ ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज के कई लोगों के साथ ही हम पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के इस्तेमाल से चिंतित हैं।’’ प्रवक्ता ने कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोमवार को कथित ‘कोविड टूलकिट’ के बारे में एक शिकायत की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा था।