मेरठ।
शहर को दिसंबर तक 100 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति होने लगेगी। यह दावा नगर निगम अधिकारियों ने शनिवार को कार्यकारिणी की बैठक में किया है। इससे बड़ी संख्या में पेयजल आपूर्ति के लिए हो रहे नलकूपों से भूजल बंद हो जाएगा। शनिवार को नगर निगम सभागार में कार्यकारिणी की बैठक रखी गई। महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में वंदे मातरम के साथ बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। हालांकि बैठक 1.30 बजे तक ही चल सकी। नगर विकास मंत्री के दौरे की तैयारी के मद्देनजर बैठक को महापौर ने स्थगित कर दिया।
इन मु्द्दों पर हुई चर्चा
अगली बैठक सात अगस्त को होगी, जिसमें नए प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। लेकिन ढाई घंटे की बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों ने गंगाजल आपूर्ति, सीवर प्रोजेक्ट और जलभराव जैसे मुद्दों पर जरूर चर्चा की। जलनिगम अधिकारियों से सवाल-जवाब हुए। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने कार्यकारिणी सदस्यों को जानकारी दी कि भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहर को दिसंबर तक 100 एमएलडी गंगाजल आपूर्ति करने की योजना है। इसके लिए तहत 4.78 करोड़ से चार भूमिगत जलाशय बच्चा पार्क, शास्त्रीनगर सेक्टर-12, नौचंदी और गोलाकुंआ को गंगाजल की मुख्य लाइन से अक्टूबर तक जोडऩे का काम पूरा कर लिया जाएगा। तत्पश्चात गंगाजल आपूर्ति इन क्षेत्रों की शुरू हो जाएगी।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
वहीं, माधवपुरम का भूमिगत जलाशय पहले से जुड़ा है। इसकी टेस्टिंग हो चुकी है। अगस्त में माधवपुरम क्षेत्र को गंगाजल मिलने लगेगा। जबकि चार अन्य भूमिगत जलाशय विकासपुरी, सर्किट हाउस, टाउनहाल और शर्मा स्मारक से गंगाजल की आपूर्ति पहले से
चालू है। इस तरह सभी नौ भूमिगत जलाशयों के माध्यम से गंगाजल आपूर्ति होने पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की पूरी क्षमता का उपयोग
हो सकेगा।