ग्रीन इंडिया
मेरठ। जब ग्लोबल साउथ के देश एक-दूसरे से सीखते हैं, तो हम केवल ज्ञान काआदान-प्रदान नहीं करते, बल्कि एक साझा भविष्य के लिएसामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं, यह कहना था भारत के कौशलविकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयन्त चौधरी का। श्री चौधरी 20 से 22 अक्टूबर 2025 तक फिलीपींस कीअपनी नॉलेज एक्सचेंज मिशन यात्रा के दौरान बोल रहे थे। विश्व बैंक द्वारा सुगम की गईइस यात्रा ने कौशल, उद्यमिता और मानव पूंजी विकास के क्षेत्र में ग्लोबल साउथके देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने में भारत की बढ़ती नेतृत्वकारी भूमिका कोरेखांकित किया।
श्रीचौधरी ने कहा, फिलीपींस की इस यात्रा ने हमारे दोनों देशों के बीच गहरेआत्मीय संबंधों और साझा आकांक्षाओं को एक बार फिर मजबूत किया है। भारत–फिलीपींससाझेदारी इस विश्वास पर आधारित है कि कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से मानवपूंजी में निवेश करना समावेशी विकास को आगे बढ़ाने का सबसे प्रभावी मार्ग है।ग्लोबल साउथ के देशों के रूप में हमारा सहयोग केवल श्रेष्ठ अनुभवों के आदान-प्रदानतक सीमित नहीं है, बल्कि एक अधिक न्यायसंगत और भविष्य के लिए तैयार विश्व केनिर्माण हेतु संयुक्त रूप से नए मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास है।
फिलीपींसगणराज्य के डिपार्टमेन्ट ऑफ़ लेबर एंड इम्प्लॉयमेन्ट के सेक्रेटरी महामहिम श्रीबिएनवेनीडो लागेस्मा से भेंट के दौरान, भारत सरकार के कौशल विकास औरउद्यमशीलता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा मंत्रालय केराज्य मंत्री, माननीय श्री जयन्त चौधरी ने कौशल विकास और क्षमता निर्माणके क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को सशक्त बनाने पर विस्तृत चर्चा की। दोनों ने तेजी से बदलते लेबर मार्केट्स में रोजगार क्षमता बढ़ाने और कार्यबलरूपांतरण के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त पहलों परविचार-विमर्श किया। उन्होंने वैश्विक कार्यबल से जुड़े चुनौतियों के समाधान और सभीके लिए न्यायसंगत एवं भविष्य के अनुरूप कौशल अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिएडेटा-आधारित पॉलिसी फ्रेमवर्क और संस्थागत नॉलेज शेयरिंग की आवश्यकता पर बल दिया।