ग्रीन इंडिया
मुजफ्फरनगर। सोरम में किसानों और भाजपा मंत्री व समर्थकों के बीच हुए टकराव ने अब राजनैतिक रूप ले लिया है। बवाल के एक दिन बाद रालोद सुप्रीमाे अजित सिंह मुजफ्फरनगर के गांव सोरम में पहुंचे। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कोई भी प्रयास कर ले, लेकिन विरोध खत्म नहीं होने वाला है। भाजपा किसानों को अब भ्रमित नहीं कर सकती। किसान सब जानता है, वह अब भाजपा नेताओं के झांसे में नहीं आने वाला है।
उन्हाेंने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने जो कानून बनाया, उस कानून को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। वहीं चौधरी अजित सिंह ने जानकारी दी कि 26 को महापंचायत आयोजित नहीं की जाएगी। वहीं अजित सिंह से पहले पहुंचे भाकियू नेता नरेश टिकैत ने टकराव की घटना को नींदनीय बताया था। मुजफ्फरनगर के सोरम में टकराव के बाद राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गईं है। मंगलवार को चौपाल में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह आए। उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। चौपाल में किसानों की भारी भीड़ जुटी रही। वहीं किसान नेताओं के साथ जयंत चौधरी व अन्य नेता भी मौजूद रहे। पुलिस ने तनाव के बीच पहले ही पुलिस बल तैनात कर रखा था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पंचायत पूरी की गई।
अजित सिंह ने कहा, चौधरी चरण सिंह ने कानून बनाया था कि मिल किसानों का बकाया भुगतान न दे तो मिल को जब्त कर लो। मोदी सरकार ने यह कानून खत्म कर दिया। किसानों को पहले तो खालिस्तानी, आतंकवादी बताया अब अपने लोगों को कह रहे है कि किसानों को समझाओ। किसान सब समझता है। किसान धान 1100 रुपये में बेचने को मजबूर है। चौधरी साहब ने सबसे बड़ा काम किया कि किसानों का वोट बैंक बना दिया। जिसमें सब जाति और धर्म के लोग हैं। इसके बाद सरकारों ने किसानों के बारे में सोचना शुरू कर दिया, लेकिन मोदी सरकार ने किसानों को भी जाति में बांट दिया। जब कोई मंत्री या सांसद आएगा तो क्या किसान गन्ने का मूल्य कब बढ़ेगा नहीं पूछेंगे। इसका मतलब यह नहीं कि आप सवाल पूछने वालों से मारपीट करोगे।