मेरठ,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे जब देश में 1000 और 500 रुपये की नोटबंदी का एलान किया था तो मेरठ में इसका असर तभी से दिखायी देने लगा था। शहर की शान माने जाने वाले होटल हारमनी इन के बाद अब आनंद अस्पताल पर इसका सीधा असर पड़ा है।
वेस्ट यूपी में इस होटल और हॉस्पिटल का नाम काफी प्रसिद्ध था, लेकिन नोटबंदी का असर इन दोनों पर ऐसा पड़ा कि इन पर करोड़ों का कर्ज चढ़ गया। नतीजतन होटल हारमनी इन के मालिक को रातोंरात परिवार को लेकर शहर छोड़ना पड़ा तो आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद ने कर्ज से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। होटल हारमनी इन करीब 100 करोड़ का कर्जदार हो गया तो आनंद अस्पताल पर करीब 400 करोड़ रुपये का कर्जा बताया जा रहा है। नोटबंदी का असर इन दोनों प्रतिष्ठानों पर बुरी तरह पड़ा। दोनों ही प्रतिष्ठान मेरठ की गढ़ रोड पर हैं। करीब 12 साल पहले गढ़ रोड पर होटल हारमनी इन शुरू हुआ था। कुछ ही दिनों में यह होटल सबका पसंदीदा बन गया था। फिल्म अभिनेता आमिर खान ने यहां अपना कार्यक्रम किया था तो मेरठ आने वाले बड़े क्रिकेटर्स यहां रुकना पसंद करते थे। होटल हारमनी इन के मालिक ताराचंद पुरी और उनके बेटे हिमांशु पुरी ने इस होटल को बेहतर तरीके से चलाया, लेकिन 2016 में नोटबंदी और जीएसटी का असर इस होटल पर पड़ने लगा। बताते हैं कि स्टाफ की सेलेरी और होटल के अन्य खर्च निकलने बंद हो गए और होटल पर कर्ज चढ़ने लगा। करीब 100 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ने के बाद ताराचंद पुरी अपने पूरे परिवार के साथ मार्च 2018 में रातोंरात कहीं चले गए। अपने घर पर उन्होंने अपना नौकर छोड़ दिया था। होटल के स्टाफ की तीन-तीन महीने की सेलेरी नहीं दी गई थी, बिजली-पानी का बिल जमा नहीं किया गया था। होटल मालिक के अचानक गायब हो जाने के बाद जब कर्ज देने वालों को इस बात का पता चला तो उन्होंने कोठी पर पहुंचकर हंगामा भी किया था। लोन देने वाले बैंकों ने होटल के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए। तब किसी को पता नहीं था कि पुरी परिवार कहां है। बाद में जब पुलिस का दबाव बढ़ा तो पुरी फेमिली को यह होटल बेचना पड़ा। तब 100 करोड़ रुपये के कर्ज की बड़ी वजह नोटबंदी बताई गई थी।